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चल ज़िन्दगी सुलह करते है बेमण्टी

चल ज़िन्दगी सुलह करते है
                   बेमण्टी कर के मौत को जीता देते है।
अब सिकन्दर बनने की उम्र तो नहीं
                   सतिन्दर है फालतू इसको मिटा देते है। 

बारिश को घूर के देखकर
                     आँसुओ को हम रुला देते है।
दोस्त अब दोस्ती को मोहताज़ है
                     सतिन्दर होता काश गुनगुना देते है । 

मेरे वज़न का फायदा क्या है
                    डॉक्टर वज़न को बुरा बता देते है।
अलाप तापने बैठा तो सिक गया
                    सतिन्दर के वज़न की चिता बना देते है। 

मौज़ की है ? हाँ की है !
                    बाप के साए वाला वक़्त गिना देते है ।
सर पे काहे का बोझ है ये
                   सतिन्दर पर पापा की पगड़ी लगा देते है। 

लिबास तो बदन पे है न
                   काली दस्तार सिर चढ़ा देते है।
उसमें भी फुट रही है सफ़ेदी
                    सतिन्दर चल उम्र का सर उड़ा देते है । 

ज़िन्दगी लफ़्ज़ से रख परहेज़
                           जितने हक़ीम मिले सलाह देते है।
सुन सुन के दूसरों की 
                  सतिन्दर को सुनी सुनी बात सुना देते है।

क़िस्मत ने आज तलक वो ख़त
                   नहीं खोला चल उसे याद दिला देते है।
जिसमें दी शिकायतें शरगोशी वाली
                  के सतिन्दर को क़िस्मत वाले चिढ़ा देते है । 

मन बिना टिकट के पकड़ा गया
                    उसे रेल वाले बाबू सजा देते है ।
आवारा है अल्हड़ कहीं का
                   सतिन्दर के मन को सजा ए क़ज़ा देते है। 

लम्हें लम्हें को जोड़ना है
                           चल गोंद से चिपका देते है ।
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के है
                       सतिन्दर  के उनको आग लगा देते है । 

वक़्त काटना है ग़र इतना
                        मुश्किल तो फ़ुरसत को बुलवा देते है ।
वो भी तो फ़ुरसत में तराशता है रूहें
                   सतिन्दर की रूह को सुइयाँ चुभा देते है । 

©️✍️ सतिन्दर  #NojotoQuote सतिन्दर 
चल ज़िन्दगी सुलह करते है
                   बेमण्टी कर के मौत को जीता देते है।
अब सिकन्दर बनने की उम्र तो नहीं
                   सतिन्दर है फालतू इसको मिटा देते है। 

बारिश को घूर के देखकर
                     आँसुओ को हम रुला देते है।
चल ज़िन्दगी सुलह करते है
                   बेमण्टी कर के मौत को जीता देते है।
अब सिकन्दर बनने की उम्र तो नहीं
                   सतिन्दर है फालतू इसको मिटा देते है। 

बारिश को घूर के देखकर
                     आँसुओ को हम रुला देते है।
दोस्त अब दोस्ती को मोहताज़ है
                     सतिन्दर होता काश गुनगुना देते है । 

मेरे वज़न का फायदा क्या है
                    डॉक्टर वज़न को बुरा बता देते है।
अलाप तापने बैठा तो सिक गया
                    सतिन्दर के वज़न की चिता बना देते है। 

मौज़ की है ? हाँ की है !
                    बाप के साए वाला वक़्त गिना देते है ।
सर पे काहे का बोझ है ये
                   सतिन्दर पर पापा की पगड़ी लगा देते है। 

लिबास तो बदन पे है न
                   काली दस्तार सिर चढ़ा देते है।
उसमें भी फुट रही है सफ़ेदी
                    सतिन्दर चल उम्र का सर उड़ा देते है । 

ज़िन्दगी लफ़्ज़ से रख परहेज़
                           जितने हक़ीम मिले सलाह देते है।
सुन सुन के दूसरों की 
                  सतिन्दर को सुनी सुनी बात सुना देते है।

क़िस्मत ने आज तलक वो ख़त
                   नहीं खोला चल उसे याद दिला देते है।
जिसमें दी शिकायतें शरगोशी वाली
                  के सतिन्दर को क़िस्मत वाले चिढ़ा देते है । 

मन बिना टिकट के पकड़ा गया
                    उसे रेल वाले बाबू सजा देते है ।
आवारा है अल्हड़ कहीं का
                   सतिन्दर के मन को सजा ए क़ज़ा देते है। 

लम्हें लम्हें को जोड़ना है
                           चल गोंद से चिपका देते है ।
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के है
                       सतिन्दर  के उनको आग लगा देते है । 

वक़्त काटना है ग़र इतना
                        मुश्किल तो फ़ुरसत को बुलवा देते है ।
वो भी तो फ़ुरसत में तराशता है रूहें
                   सतिन्दर की रूह को सुइयाँ चुभा देते है । 

©️✍️ सतिन्दर  #NojotoQuote सतिन्दर 
चल ज़िन्दगी सुलह करते है
                   बेमण्टी कर के मौत को जीता देते है।
अब सिकन्दर बनने की उम्र तो नहीं
                   सतिन्दर है फालतू इसको मिटा देते है। 

बारिश को घूर के देखकर
                     आँसुओ को हम रुला देते है।

सतिन्दर चल ज़िन्दगी सुलह करते है बेमण्टी कर के मौत को जीता देते है। अब सिकन्दर बनने की उम्र तो नहीं सतिन्दर है फालतू इसको मिटा देते है। बारिश को घूर के देखकर आँसुओ को हम रुला देते है। #Poetry #नज़्म #गज़ल #shyari #satinder #ghzal #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #रेख़्ता