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उनसे मोहब्बत में आशाएं दीद,रखता हूं न समझ हु जो रे

उनसे मोहब्बत में आशाएं दीद,रखता हूं
न समझ हु जो रेगिस्तान में
बारिश की उम्मीद रखता
हूं

©Sandeep Pratap
  वफा

वफा #शायरी

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