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बहुत मुश्किल से समेटे थे गुज़रे वक़्त के बिखरे प

बहुत मुश्किल से समेटे थे 
गुज़रे वक़्त के  बिखरे पन्ने
तुमने आते ही नए पन्नों का
अफसाना बना डाला।

क्या हो गया तुम्हे 
तुम ऐसे ना थे
कुछ तो बदलो 
खुद को।।
 सुना है घर बहुत मुश्किल 
से बन ते है
कितनी दुआसे
कितनी इच्छाओं
से जुड़ ते है
ज़मीं पर नहीं आसमा
 में ही ये रिश्ते बनते है

इसलिए वक़्त रहते बदलो
फिर हाथ आएगा नहीं
ना अच्छा दोस्त 
 ही कोई  रिश्ता
सब बिखर जाएगा 


फिर गुजरते वक़्त में
बस याद ही आए गा
हाथ कुछ नहीं आए गा
 क्योकि समेटने में सदिया गुजर जाती है 
बिखरने में एक पल
गुलज़ार होती तो कुछ और कहती
बस गुज़ारिश की है तुम्हे
की छो ड दो कुछ बातो को यूहीं
क्योकी अब दिल के लिफाफे में 
कई खत है 
एक बच्चों 
कुछ अपनों का
कुछ सपनों का
 ये उमर नहीं है बचपन 
उमर  होजाएगी  पचपन की 
अब दिल का दायरा
 उमर के साथ
सिकुडता जाएगा 
किन्तु आगे के रिश्तों  का
वक़्त भी कहा रह जाएगा 
कुछ दवाइयों में तो 
कुछ कमाईयो में ही खो जाए गा
 क्युकी अब ये दिल नहीं रह गया
दिलदार हवेली हो गया है 
कई छोटे छोटे रिश्तो  के तार बंधे   बैठे है एक साथ  उलझ जाएंगे
फिर कभी सुलझ नहीं पाएंगे
: इसलिए वो पूराना ज़माना था
कोई यार मस्ताना था
थोड़ा पगलाऔर दीवाना था
बहुत मुश्किल से समेटे थे 
गुज़रे वक़्त के  बिखरे पन्ने
तुमने आते ही नए पन्नों का
अफसाना बना डाला।

क्या हो गया तुम्हे 
तुम ऐसे ना थे
कुछ तो बदलो 
खुद को।।
 सुना है घर बहुत मुश्किल 
से बन ते है
कितनी दुआसे
कितनी इच्छाओं
से जुड़ ते है
ज़मीं पर नहीं आसमा
 में ही ये रिश्ते बनते है

इसलिए वक़्त रहते बदलो
फिर हाथ आएगा नहीं
ना अच्छा दोस्त 
 ही कोई  रिश्ता
सब बिखर जाएगा 


फिर गुजरते वक़्त में
बस याद ही आए गा
हाथ कुछ नहीं आए गा
 क्योकि समेटने में सदिया गुजर जाती है 
बिखरने में एक पल
गुलज़ार होती तो कुछ और कहती
बस गुज़ारिश की है तुम्हे
की छो ड दो कुछ बातो को यूहीं
क्योकी अब दिल के लिफाफे में 
कई खत है 
एक बच्चों 
कुछ अपनों का
कुछ सपनों का
 ये उमर नहीं है बचपन 
उमर  होजाएगी  पचपन की 
अब दिल का दायरा
 उमर के साथ
सिकुडता जाएगा 
किन्तु आगे के रिश्तों  का
वक़्त भी कहा रह जाएगा 
कुछ दवाइयों में तो 
कुछ कमाईयो में ही खो जाए गा
 क्युकी अब ये दिल नहीं रह गया
दिलदार हवेली हो गया है 
कई छोटे छोटे रिश्तो  के तार बंधे   बैठे है एक साथ  उलझ जाएंगे
फिर कभी सुलझ नहीं पाएंगे
: इसलिए वो पूराना ज़माना था
कोई यार मस्ताना था
थोड़ा पगलाऔर दीवाना था