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खामोशी भरी अँधेरी रात में चलना, थोड़ा कठिन है। क

खामोशी भरी अँधेरी रात में चलना, 
थोड़ा कठिन है। 
किसी का साथ होना जरूरी है, 
राही खुद ही मंजिल पा लेगा
घर से निकलना जरूरी हैं। 
नहीं उदास बैठ मुश्किलो को देखकर, 
हौसला बुलंद होना जरूरी हैं।
पूरे आसमाँ की सैर कर लेगा परिंदा, 
परो का खुलना जरूरी है। 
सुखों के एहसास के लिए, 
दुखों का मिलना जरूरी है। 
मिलन की आस के लिए उनसे
बिछुड़ना भी जरूरी हैं।।

©Pramod Singh Pal
  खामोशी भरी रात

खामोशी भरी रात #जानकारी

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