" जिंदगी से थोड़ी गप्पे सप्पे" ए जिंदगी जरा ठहर जा कब से यूं ही चले जा रही है, तेरा ऐसे ही चलना कब तक रहेगा। तू जानती भी सब कुछ है तू समझती भी सब कुछ है, पर मुझे नहीं पता तेरी खामोशी का सिलसिला कब तक चलेगा। तुझ में व्यक्ति टूटता भी है और सवर्ता भी है, बिखरता भी है निखरता भी हैं, ना जाने तेरा यही उसूल कब तक रहेगा। चल अब बैठ थोड़ी गप्पे कर लेते हैं, मेरे कुछ सवाल है निपट जाएंगे अब मुझे इतना बता दे, कि मेरी जिंदगी का इम्तिहान कब तक चलेगा। ए जिंदगी जरा ठहर जा तेरा ऐसे ही चलना कब तक रहेगा। ©123Vaishnavi Singh "जिंदगी से गप्पे सप्पे #MomentOfTime