हर नज़र को तबस्सुम चुराने का फ़न। हुस्न का दीद होते ही होती चुभन। मानिए मशवरा रहिए पर्दानशीं, वरना बेजान बुत भी मचल जाएगा। ,,,,, सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri पर्दानशीं #WorldWaterDay