न आसमानी चाँद-तारे, न ज़मीनी पुष्प, क़दमों में बिछाना, देना नहीं है तुम्हें हिसाब कोई, न कोई दर्द, दिल में दबाना। जितना भी दिया है ख़ुशी से, उतना ही रख लिया ख़ुशी से, न रखना कश्मकश कोई, न कोई सवाल यूँ मन में छुपाना। ज़िन्दगी तुम्हारी, मर्ज़ी तुम्हारी, फ़ासलों के हैं फ़ैसले तुम्हारे, यूँ ही न बढ़ाना बोझ, न ख़ुद से जवाब ख़ामोशी में बनाना। ऐसी छोटी-छोटी सी बात-मुलाक़ात से बहल जाता है मन, न दिल से लगाना बात कोई, न ख़ुशी को फ़िक्र में गलाना। कैसे भी हों हालात 'धुन' हर हाल में रिश्ते हमने निभाये हैं, न किसी से कुछ माँगना, न ही किसी को बेकार में सताना। Rest Zone आज का शब्द- 'पुष्प' #rzmph #rzmph156 #पुष्प #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi