Nojoto: Largest Storytelling Platform

अपने ही मन का,मारा मन ! फिरता रहता,आवारा मन !! मं

अपने ही मन का,मारा मन !
फिरता रहता,आवारा मन !!

मंडराता फूलों,कलियों पर,
तितली सा ये,बंजारा मन !!

पतझड़ के मौसम मे लगता,
तन्हा,तन्हा,बेचारा मन !!

ये पूस की आधी रात औऱ,
ये आसमान का,तारा मन !!

✍️✍️
रवि श्रीवास्तव

©Ravi Srivastava #lonely
अपने ही मन का,मारा मन !
फिरता रहता,आवारा मन !!

मंडराता फूलों,कलियों पर,
तितली सा ये,बंजारा मन !!

पतझड़ के मौसम मे लगता,
तन्हा,तन्हा,बेचारा मन !!

ये पूस की आधी रात औऱ,
ये आसमान का,तारा मन !!

✍️✍️
रवि श्रीवास्तव

©Ravi Srivastava #lonely
ravisrivastava7036

Ravi Srivastava

New Creator
streak icon16