इंसान से बेहतर तो प्याज़ है,
परात दर परात खुल्ने के बाद,
असलियत तो बाहर आ जाती है ,
मगर इंसान की कितनी भी परते खोल लो,
असलियत बाहर ही नहीं आती,
अरे कोई तो ऐसा ताबीज मिल जाए,
थोड़ा सा रगड़ू चिराग की तरह,
बदले में इंसान की सारी असलियत बाहर आ जाये, #Shayari#Insaan#Aajtak#sahityatak