मुझे याद है तेरी वो शर्माती पलके । मुझे देख के जो मुस्कुराती पलकें । चेहरा तो चुप रहता था मगर कुछ ना कुछ कह जाती पलकें । मुझे याद है ,,,,, पलकों का घाव कुछ गहरा लगे । शर्म हया का चेहरें पे पहरा लगे। उस चेहरे में कुछ धमकाती पलकें। मुझे याद है ,,,, टुकड़े-टुकड़े मेरा बदन हुआ । जब बिछड़ने का वक्त हुआ। उस पे डरी सहमी सी छुपती छुपाती पलकें। मुझे याद है तेरी शर्माती पलकें । मुझे देख के जो मुस्कुराती पलकें। चेहरा तो चुप रहता था मगर कुछ ना कुछ कह जाती पलकें। ©Adv..A.S Koura #palke #Eyes