सजन को पीला रंग अति भाया।🌼 तभी तो #पीला 🌼 मुझे लुभाया। 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 पीली खिली खिली कच्ची सी ,फागुन की सुनहरी धूप। पीली सरसों खिली खिली भू, लगता सुंदर सौम्य रूप। लगे त्यागी तपस्वी रंग यह, कभी है आग भी लगता। समय अनुसार यह धरे रूप,रंग प्रिय मन सदा हरता। पिया को मनभावनी लगती ,पहनती पीत मैं साड़ी। जब जब करी श्रृंगार स्वर्णिम,भागती प्रीत की गाड़ी। *******************************†** . देखा पहली बार मुझे,पहनी पीला रंग। पीली स्वर्णिम मैं लगी ,देख रह गये दंग। देख रह गये दंग ,तभी से पीला भाता। पीत फागुनी धूप, गुनगुना रूप सुहाता। पीली सरसों खेत , सुंदर प्रकृति का लेखा।। कभी शांति या आग, वही कहता जो देखा।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal