यूँ ही नहीं चलती घर-गृहस्थी देख-देख कर चलना पड़ता है, यूँ ही नहीं बसता है परिवार गिरकर सम्हलना पड़ता है, आँख का अंधा, कान का बहरा बनकर बहुत कुछ सहना पड़ता है, सुप्रभात। कामयाबी पाने के लिए बहुत कुछ सहना पड़ता है। #सहनापड़ताहै #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #_मधुकर