#Five line poetry उदासी है हर तरफ, सुनसान सडक है | हैं मालिक तेरे बन्दों में कैसी ये तड़प हैं | हाहाकार फैला हैं, दुनियाँ के कोने -कोने में | कोई चिता पर लेटा हैं, तो कोई घर के बिछोने में | किस गलती का खुदा तूने दिया ये सबक हैं|| ©Musafir #covidindia