इंतजार कर रहा गुलाल भी अब तक कभी तो मेरे गालों पे उसे लगाओ तुम।। अधूरा हूं कब से मैं तुम्हारे बिना कभी तो ख़ुद से मुलाकात कराओ तुम।। रंग मुझको काश मिलकर लगाओ तुम पास अपने इस बहाने बुलाओ तुम दिल मिलेंगे इस तरह से सुना मैंने दिल अपना अब कभी तो मिलाओ तुम ___✍ Arif Alvi