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क्या कहोगे तुम उसे.............

क्या कहोगे तुम उसे.............                            
         जो बंधिनी...
       जो बेधीनी,
                                                 उज्जवला जो श्यामला भी, 
                                             कोमला वो कज्जली.......
जो स्वयं में उपासना,
   जो स्वयं ही है भस्मिनी,
                         जो योग है.... 
                        जो साधना...
                                                जो यज्ञ...जो फलदायिनी......
       जो राधिका...जो साधिका,साक्षात प्रेम स्वयं भू,
तथापि प्रेमाश्रयी...तथापि अनुगामिनी.......
     अपराजिता...पराधिनी,
तटस्थ वो प्रवाहिनी,
         जननी...जीवन... जानकी,
                             जो मात मोक्षदायिनी......
                                             @पुष्पवृतियां












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©Pushpvritiya
  क्या कहोगे तुम उसे.............                            
         जो बंधिनी...
       जो बेधीनी,
                                                 उज्जवला जो श्यामला भी, 
                                             कोमला वो कज्जली.......
जो स्वयं में उपासना,
   जो स्वयं ही है भस्मिनी,
                         जो योग है....
pushpad8829

Pushpvritiya

Silver Star
New Creator

क्या कहोगे तुम उसे............. जो बंधिनी... जो बेधीनी, उज्जवला जो श्यामला भी, कोमला वो कज्जली....... जो स्वयं में उपासना, जो स्वयं ही है भस्मिनी, जो योग है.... #कविता

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