हर पीड़ा, दुःख,दर्द,सुख,अपना पराया, मोह बंधन, आसक्ति, विचार, लगाव, असुरक्षा, इच्छा,द्वंद,मान अपमान, अहंकार, द्वेष,सत्य असत्य, उम्मीद, हर एक आँसू की वेदना, प्रेम और सच्चे प्रेम की लालसा आदी भावनाओं से एक दिन मुक्ति अवश्य मिल ही जाती है। मणिकर्णिका घाट मोक्ष और शाश्वत शांति के लिए द्वार है। ©पूर्वार्थ #जीवन #मृत्यु #नोजोटीहिन्दी