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हे नाथ! इस संसार में आकर तुम्हारे द्वारा ही निर्म

हे नाथ! इस संसार में आकर तुम्हारे द्वारा ही 
निर्मित हाड़ मांस के सुंदर पुतले से प्रेम करके
चोट और दुख ही मिला। अब इन सबों से विमुख
कर मुझे अपनी शरण में लें। आप से दूर होकर 
देख लिया। अब आपको पाकर देखना चाहता हूं।
               मन भर गया इस दुनियां से।                             अपनी शरण में ले लो नाथ।🌹,🙏

©नागेंद्र किशोर सिंह
  # विनती