Nojoto: Largest Storytelling Platform

दो नजरों से देखता हूं तो दुनिया बेहतरीन भूल भुलैय

दो नजरों से देखता हूं तो दुनिया 
बेहतरीन भूल भुलैया दिखती है मुझे एक नजर से देखा तो देखने में आया लोगों की जुबान चलती हुई 

जैसे चलता है आरा लकड़ियों पर

पतंग बनाकर उड़ा दी गई वो बहुत सारी पंक्तियां जो लिखी   होती है धार्मिक किताबों में उपदेशों में और सुबह सुबह लगने वाले तुम्हारे सोशल मीडिया पोस्टरों में

निकाल दी गई सहानुभूतियों की किलकारियां तुष्टीकरण में
दो नजरों से देखता हूं तो दुनिया 
बेहतरीन भूल भुलैया दिखती है मुझे एक नजर से देखा तो देखने में आया लोगों की जुबान चलती हुई 

जैसे चलता है आरा लकड़ियों पर

पतंग बनाकर उड़ा दी गई वो बहुत सारी पंक्तियां जो लिखी   होती है धार्मिक किताबों में उपदेशों में और सुबह सुबह लगने वाले तुम्हारे सोशल मीडिया पोस्टरों में

निकाल दी गई सहानुभूतियों की किलकारियां तुष्टीकरण में

एक नजर से देखा तो देखने में आया लोगों की जुबान चलती हुई जैसे चलता है आरा लकड़ियों पर पतंग बनाकर उड़ा दी गई वो बहुत सारी पंक्तियां जो लिखी होती है धार्मिक किताबों में उपदेशों में और सुबह सुबह लगने वाले तुम्हारे सोशल मीडिया पोस्टरों में निकाल दी गई सहानुभूतियों की किलकारियां तुष्टीकरण में