ओ रे पिया!! तरसे जिया तू क्यों नहीं आए रे प्रीत के मौसम गुजरे अकेले तू क्यों नहीं आए रे रीत ये कैसे कौन बनाए सावन बीते पर तू ना आए ओ रे पिया🌹🌹