हूं कौन मैं...मेरी पहचान गुमनाम सी हैं हर किसी से पूछा मेने सब ने अपने हिसाब से पहचाना मुझे किसी ने अपनी बेटी बनाया ,किसी ने अपनी पत्नी और किसी ने अपनी बहू तो किसी ने अपनी माँ "सब मे हूं मैं" पर मेरी खुद की पहचान गुमनाम सी हैं सब ने वादे बहोत किये उम्र भर साथ देने के पर सब एक एक कर साथ छोड़ते गए तब, जब मुझे जरूरत थी उनकी, हमेशा दूसरों के हिसाब से खुद को ढाला है मैंने, जिसने जिस रिश्ते में बांधा उस रिश्ते में बंध गई मैं खुद के लिए जीना क्या होता है कभी जाना ही नहीं मैंने आज भी गुम नाम सी है पहचान मेरी ।।। आखिर हूं कौन मैं।।।। #NojotoQuote gumnam si hai pahachan meri..