जिदंगी जीना है फिलहाल - कल का सवाल है जीना फिलहाल है एक वो साल और एक ये साल क्या अंतर आया है ये सवाल वो वीसीआर , ग्रामोफोन का जमाना ये तो है स्मार्टफोन का जमाना पहले एक जगह झुंड बनाकर करते थे बात अब सोशल मीडिया पर ग्रुप बनकर करते है बात एक दूसरे तक संदेश तार से पहुंचाना आज फ्री का वॉट्सएप कर जाना क्या अंतर आया ये है सवाल जिंदगी है जीना फिलहाल एक स्थान से दूसरे स्थान तक बैलगाड़ी ,घोड़ा गाड़ी से ही होता था आना जाना अब देखो ई रिक्शा का है जमाना क्या अंतर आया ये है सवाल जिंदगी है जीना फिलहाल टीवी पर तब केवल दूरदर्शन था आता सप्ताह में एक दिन पिक्चर ,एक दिन वो चित्रहार और हा वो रामायण और महाभारत वाला जमाना 4-5 गांव के लोगों का मिलजुलकर टीवी देखने कोसो दूर जाना अब घर घर में टीवी और उनके सैकड़ों चैनल आना एक में ब्रेक तो दूसरा लगाना और गांव तो छोड़ो पूरा परिवार का अकेले अकेले ही देखना हो रहा है विकास बदल रहा है देश देश के साथ बदल रहा है इंसान तकनीकी के विकास के साथ खो गया है कहीं भारत की असली पहचान क्या है जरूरत ऐसी तकनीकी का जो कर रहा दूर इंसान से इंसान अब सोचो क्या अंतर आया ,ये है सवाल अभी क्या अंतर और आयेगा ,ये है सवाल हाँ कल का सवाल है ,जीना फिलहाल है ©purvarth #जीनाजिंदगीहै