Nojoto: Largest Storytelling Platform

कसूर आँखों का नहीं, जो हमें सोने नहीं देती,, कसूर

कसूर आँखों का नहीं, 
जो हमें सोने नहीं देती,,
कसूर हमारे सपनों के ,
जो हमें किसी पल रोने नहीं देते,।
कसूर आखिर किसका, 
जो हमें कहीं कुछ खोने नहीं देते। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #thoughtsofheart