क्या प्रेम लिखूं क्या प्यार लिखूं•• क्या होता इश्क का व्यापार लिखूं।। ये खेल बुरा हैं इश्क का यार••• क्या जीत लिखूं क्या हार लिखूं ।। हम खाक कर बैठे जिंदगानी••• क्या खाई इश्क की मार लिखूं।। क्या प्रेम लिखूं क्या प्यार लिखूं। ©KAJAL The poetry writer क्या प्रेम लिखूं क्या प्यार लिखूं•• क्या होता इश्क का व्यापार लिखूं।। ये खेल बुरा हैं इश्क का यार••• क्या जीत लिखूं क्या हार लिखूं ।। मैं खाक कर बैठा जिंदगानी••• क्या खाई इश्क की मार लिखूं।।