Nojoto: Largest Storytelling Platform

"आखिर मैं क्या हूँ" =============== वह करते थे, मु

"आखिर मैं क्या हूँ"
===============
वह करते थे, मुझसे बहुत प्यार ..
पर! मन में उनके एक ग्लानि 
महसूस की थी मैने... 
 शायद! ये ग्लानि होना
 स्वाभाविक था |
 मेरी उम्र में उनकी उम्र में
 जो अंतर था ,
वह उन्हें उनके प्यार का 
इजहार करने ही नहीं देता था |
साथी उनको चाहिए था,
 पर! मेरे रूप में नहीं 
अपनी ही हमउम्र के रुप में |
वो यहाँ तक प्यार मुझसे करते थे ,
पर! नजरों को चुरा कर रखते थे |
मुझसे शायद कुछ कहना था,
 पर ! वह भी ना कह सकते थे |
आखिर में क्या हूँ ?
जो समझ कर भी उसे 
समझ पाने में असमर्थ हूँ !
वह करते थे मुझसे बहुत प्यार
 पर मन में उनके एक ग्लानि 
महसूस की थी मैने.. .|
              गीता शर्मा 'प्रणय' ग्लानि
"आखिर मैं क्या हूँ"
===============
वह करते थे, मुझसे बहुत प्यार ..
पर! मन में उनके एक ग्लानि 
महसूस की थी मैने... 
 शायद! ये ग्लानि होना
 स्वाभाविक था |
 मेरी उम्र में उनकी उम्र में
 जो अंतर था ,
वह उन्हें उनके प्यार का 
इजहार करने ही नहीं देता था |
साथी उनको चाहिए था,
 पर! मेरे रूप में नहीं 
अपनी ही हमउम्र के रुप में |
वो यहाँ तक प्यार मुझसे करते थे ,
पर! नजरों को चुरा कर रखते थे |
मुझसे शायद कुछ कहना था,
 पर ! वह भी ना कह सकते थे |
आखिर में क्या हूँ ?
जो समझ कर भी उसे 
समझ पाने में असमर्थ हूँ !
वह करते थे मुझसे बहुत प्यार
 पर मन में उनके एक ग्लानि 
महसूस की थी मैने.. .|
              गीता शर्मा 'प्रणय' ग्लानि