शिक्षक ज्ञान का दीपक है, जीवन के लिए वह पीपल है। अगर उनकी मानी तो ठीक, वरना खोयी अपनी कीमत है। कीमत खो कर कहां जाएंगे, जीवन में पीछे ही रह जाएंगे। अगर अभी संभले तो ठीक, वरना अनपढ़ ही रह जाएंगे। अनपढ़ रह कर क्या कर लेंगे, जीवन भर दुख ही झेलेंगे। अगर झेल लिया दुख तो ठीक, वरना तो सर पकड़ते बैठेंगे। सर पकड़ने से कुछ नहीं होता, परिश्रम करता तभी कुछ होता। अगर कुछ सही होता तो ठीक, वरना जीवन का लक्ष्य क्या होता। लक्ष्य ही जीवन का आधार है, उसके बिना तो सब बेकार है। अगर पा लिया लक्ष्य तो ठीक, वरना मिलती सब से दुत्कार है। .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #Teachersday #शिक्षक_ज्ञान_का_दीपक_है # Pankaj Yadav R K Mishra " सूर्य " Mallika