#Worldteacherday तेरे मेरे इश्क़ की शोहरत ये कैसे हो गई.. एक तू ही था मेरा, और राज़दां कोई ना था... प्यास जाने कौन सी थी ,फैसला ना हो सका ... सामने फैला समन्दर , फासला कोई ना था ..... धूप से कैसे जलाया ,मुझको मेरे ऐ ख़ुदा,,, शज़र थे लाखोँ वहाँ पर, सायबाँ कोई ना था.. पीठ पर खंजर लगा मै जब मुड़ा हैरान हुआ ... मिल गया एक दोस्त मेरा दूसरा कोई ना था ...... बाप को दुनिया मे जो रुस्वा किया देखा वहां ... मुझको जन्नत मिल गयी पर रास्ता कोई ना था .. #Worldteacherday