क्या बयां करूँ मैं तुझे लफ्जों में, यकीनन दवा है तू मेरी जख्मों पे, डर नहीं है कुछ भी बस तुझे खोने से डरता हूँ, रूठ जाती हो जब मुझसे तो हर पल मरता हूँ, तुम्हारी मुस्कान ही एक जरिया है मेरे मुस्कुराने का, वादा बस दे दो जिंदगी भर साथ निभाने का, तू ही बसती है मेरे हंसी,मेरे अश्कों में, यकीनन दवा है तू मेरे जख्मों पे। ©सिंह एक शायर #Relationship #सिंह_एक_शायर