मेरे महबूब रिश्ता हर एक निभाना। चाहे कितना भी रूठो मगर न छोड़ के जाना। तुमको मालूम है के मुश्किल होगा बिन तुम्हारे मेरा चल पाना। वो तो बातें अलग थीं जब तुम मेरे साथ मे थे। अब तो नामुमकिन है ज़िंदगी तेरी यादों में गुजार पाना। जो चले गए तुम छोड़ कर तो आंसू ही आंसू में कटेगी ज़िन्दगी गम जुदाई का मुश्किल होगा सह पाना ✍️Viren 🤗 Diwan G #एक #इल्तज़ा