सब कुछ तो है अब मेरे पास पर तुम अब हो ही नहीं बेतरतीब सी बिखरी हुई ज़िन्दगी अब संवरने लगी है तुम्हारी यादों को ये समेटने लगी है मुझे आज भी याद है कैसे तुम मेरे कमरे की बिखरी हुई चीजो को समेटने लगी थी कैसे हर चीजो को उसकी सही जगह पर रखने लगी थी पर देखो ना कमरे सजाना तो सीख गया मैं पर तुम अब हो ही नहीं तुम्हारे जाने के बाद ना मैं अब मेरे कमरे में ही अजनबी जैसा लगता हूँ तुमने समझा था मुझे पर तुम्हारे जाने के बाद न खुद को भूलने लगता हूँ तुम्हारी रखी चीजो को फिर से बिखेर देना चाहता हूँ क्या पता ,एक बार फिर तुम मेरी चीजो को समेटने लौट आओगी और फिर तुम्हारी यादों की जगह तुम रहने लगोगी और मैं इस बार सांकल दरवाजे पे चढ़ा दूंगा-अभिषेक राजहंस तुम अब हो ही नहीं #nojotohindi #nojoto #एहसास