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ढूँढा तुझे कायनात की हर एक जगह, पर ना मिली तुम और

ढूँढा तुझे कायनात की हर एक जगह,
पर ना मिली तुम और ना ही मिली तुम्हारी कोई खबर।

 दिल ये मेरा मुझसे ही सवाल करें,
कहाँ हो तुम, कहाँ है तेरा वज़ूद।

जवाब मेरे सवालात के मे खुद देना पाऊंँ,
और तेरी यादो के बोझ तले में जी ना पाऊँ।
 P.P.014
#PP_शब्दरेखा_कहाँहोतुम


➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये।
स्वरचित रचना ही मान्य है।
ढूँढा तुझे कायनात की हर एक जगह,
पर ना मिली तुम और ना ही मिली तुम्हारी कोई खबर।

 दिल ये मेरा मुझसे ही सवाल करें,
कहाँ हो तुम, कहाँ है तेरा वज़ूद।

जवाब मेरे सवालात के मे खुद देना पाऊंँ,
और तेरी यादो के बोझ तले में जी ना पाऊँ।
 P.P.014
#PP_शब्दरेखा_कहाँहोतुम


➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये।
स्वरचित रचना ही मान्य है।

P.P.014 #PP_शब्दरेखा_कहाँहोतुम ➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये। स्वरचित रचना ही मान्य है। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #collabwithशब्दरेखा