मेरी मंजिल बस वही हैं जहा पर तुम्हरा सहारा हैं । मेरी कस्ती भी वही हैं जहा पर तुम्हरा किनारा हैं । लगता तो ऐसा हैं की बस तेरी दूनियाँ में । मेरा ही अना जना हैं