Nojoto: Largest Storytelling Platform

सड़क की पगडंडी पर चलते चलते रेल की पटरी पर नज़र क

सड़क की पगडंडी पर चलते चलते 
रेल की पटरी पर नज़र क्या पड़ी,
मालूम तुम याद आ गई !

हम दोनों भी तो रेल की इस पटरी जैसे है
साथ, इतने की एक के बिना दूसरे का वजूद नहीं,
और, मजबूर इतने की करीब होने का रकीब नहीं
साथ, इतने की हर पल दूसरे को देखते हैं,
और, मजबूर इतने की लम्हों में मिलना होता है
वो भी किसी रेल का रास्ता बदलने की लिए,

ख्वाहिश है मेरी की अब कोई भी स्टेशन न आए
इस अधूरे साथ के साथ ये वाहिद सफर चलता जाए ।। #hindi #poetry #life #love #ishq #prem #kavita
सड़क की पगडंडी पर चलते चलते 
रेल की पटरी पर नज़र क्या पड़ी,
मालूम तुम याद आ गई !

हम दोनों भी तो रेल की इस पटरी जैसे है
साथ, इतने की एक के बिना दूसरे का वजूद नहीं,
और, मजबूर इतने की करीब होने का रकीब नहीं
साथ, इतने की हर पल दूसरे को देखते हैं,
और, मजबूर इतने की लम्हों में मिलना होता है
वो भी किसी रेल का रास्ता बदलने की लिए,

ख्वाहिश है मेरी की अब कोई भी स्टेशन न आए
इस अधूरे साथ के साथ ये वाहिद सफर चलता जाए ।। #hindi #poetry #life #love #ishq #prem #kavita
ankursingh5900

Ankur Singh

New Creator