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# -:ये कैसा है आदमी:- हर तरफ हर | English Poetry

-:ये कैसा है आदमी:-

हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तन्हाईयो का शिकार आदमी,

सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ
अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी,

-:ये कैसा है आदमी:- हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तन्हाईयो का शिकार आदमी, सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी, #Poetry #poem #writer #nojotohindi #शुन्य

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