बह गये घर बह गयीं घर में रखी तसवीरें तस्वीरों में मुस्कुराते चेहरे बह गए और बह गयीं लोरियां बच्चों की किलकारियां मां बह गई, पिता बह गए, सुना है..... एक माँ का जब एक बच्चा बहा माँ देख उसे कूद पड़ी नदिया में और बह गई देखता रह गया पिता । इस तरह...... सैंकड़ों, हज़ारों परिवार बह गए श्रद्धा में झुके शीश बह गए बह गईं प्रार्थनाऐं बहे करोड़ों आंसू हिन्दुस्तान के..... और ..... रह गये पीछे करोड़ों आंसू अंदर बाहर आंखों में, गालों पर लेकिन..... करोड़ों पीछे हम भी हैं चलो.... फिर क्यों ना पोंछें आंसू चलो पूछें इन्हें किसी के..... बच्चे बनें, माँ बनें, पिता बनें, बनें बहन- भाई- दोस्त और एक परिवार बनें किन्हीं सूनी, निराश, प्रतीक्षारत हर उम्र आंखों में सूरज उगायें, उम्मीद जगाएं चांद बुलाऐं, मन सहलायें चलो, सुबह बनाएं किसी की । चलो, जिंदगी गुनगुनाएं किसी की ।