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ग़ज़ल-- वो ख़ुद द से कितना घबराए होते हैं, जिन लोगो

ग़ज़ल--
वो ख़ुद द से कितना घबराए होते हैं, जिन लोगों ने धोखे खाए होते हैं .(अल्पना सुहासिनी)

ग़ज़ल-- वो ख़ुद द से कितना घबराए होते हैं, जिन लोगों ने धोखे खाए होते हैं .(अल्पना सुहासिनी)

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