Nojoto: Largest Storytelling Platform

अब सुबह शाम कि मुलाकातें भी मुकद्दर में न रहीं वल

अब सुबह शाम कि
मुलाकातें भी
मुकद्दर में न रहीं 
वलवले थम गये
दिल की धड़कनों के 
जैसे लहरें समंदर में
न रहीं
इक तेरे जाने का असर
इस तरह मेरी खुशियो
पे रहा
पहले सी रौनकें वो 
आबो-हवा घर में
न रहीं

'दीप'..✍🏿 शायर तेरा🌷

©Dalip Kumar Deep
  #bachpan ✍🏿🥀🥀तेरे जाने का असर युँ मेरी खुशियों पे रहा😔🍂🍂

#bachpan ✍🏿🥀🥀तेरे जाने का असर युँ मेरी खुशियों पे रहा😔🍂🍂 #शायरी

135 Views