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तुम, इतने करीब हो मेरे फिर भी तुम्हें, अपने शब्द

तुम,
 इतने करीब हो मेरे
फिर भी तुम्हें,
 अपने शब्दों में ही ढूंढती हूं।
तुम 
नसीब हो मेरा
फिर भी तुम्हारी,
 तस्वीरों में हीं रंग भरती हूं।
तुम
 जब चाहो ,
अपने दिल की बातें 
साझा मुझसे 
कर लेते हो।
भर के बाहों में मुझको ,
अधरो को चूम लेते हो।
पर मैं तो,
 सागर में आकर भी
नदियां हीं रह जाती हूं।
तुमको लगता ,
तुमने पाया है मुझको।
पर कैसे कहूं!!
 तुमसे ओ जानां,
मन से खुद को 
रीता-रीता हीं पाती हूं..

©Mamta Singh
  मैं नदियां फिर भी मैं प्यासी ..
mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
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मैं नदियां फिर भी मैं प्यासी .. #शायरी

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