सूखी हुई घास को नमी देने वाली उस ओस क़ी नन्ही बूँद ने कभी धन्यता पाने क़ी अपेक्षा नही रखी क्योंकि वो जानती है कि अगले कुछ क्षणों मे सूरज अपनी प्रखर किरणों को भेजनें वाला हैऔर उस घास को फिर सुखा देगा उस ओस क़ी नन्ही बूँद क़ी नमी को पीकर तों वह किस मुँह से धन्यवाद पाने क़ीअपनी पात्रता सिद्ध करें.. क्योंकि अल्प समय के लिये सूखी घास को नमी देकर उसने कोई बड़ा उपकार का काम नही किया है ©Parasram Arora पात्रता