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सूखी हुई घास को नमी देने वाली उस ओस क़ी नन्ही बूँद

सूखी हुई घास को नमी देने वाली  उस
ओस क़ी नन्ही बूँद ने कभी धन्यता पाने क़ी
अपेक्षा नही रखी
क्योंकि वो जानती  है कि
अगले कुछ क्षणों मे  सूरज अपनी  प्रखर
किरणों को भेजनें वाला हैऔर उस घास को फिर सुखा देगा  उस 
ओस क़ी नन्ही बूँद क़ी नमी को पीकर
तों वह किस मुँह से  धन्यवाद पाने क़ीअपनी पात्रता  सिद्ध करें.. क्योंकि अल्प समय के लिये सूखी घास
को नमी देकर उसने कोई बड़ा  उपकार का काम नही किया है

©Parasram Arora पात्रता
सूखी हुई घास को नमी देने वाली  उस
ओस क़ी नन्ही बूँद ने कभी धन्यता पाने क़ी
अपेक्षा नही रखी
क्योंकि वो जानती  है कि
अगले कुछ क्षणों मे  सूरज अपनी  प्रखर
किरणों को भेजनें वाला हैऔर उस घास को फिर सुखा देगा  उस 
ओस क़ी नन्ही बूँद क़ी नमी को पीकर
तों वह किस मुँह से  धन्यवाद पाने क़ीअपनी पात्रता  सिद्ध करें.. क्योंकि अल्प समय के लिये सूखी घास
को नमी देकर उसने कोई बड़ा  उपकार का काम नही किया है

©Parasram Arora पात्रता

पात्रता #कविता