हारनी नहीं है हिम्मत हमें, निरंतर जीवन पथ पर चलना है, करके आगोश में चाँद तारों को, इस जहाँ से दूर निकलना है। गिरते हैं मैदान में वही, जो ख़ुद सवारी कर लड़ना जानते हैं, गिरे भी तो क्या हुआ, गिरकर उठना है ख़ुद ही संभलना है। अडिग रहते हम, विचलित नहीं होते अपनी असफलताओं से, ख्वाब मेरे हैं, परन्तु उसे हर हाल में हक़ीक़त में बदलना है। 🌝प्रतियोगिता-39 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"ख़्वाब मेरे हैं"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I