कभी वृक्षों का मौन संगीत सुना? उनमे एक ही स्वर उठता है "येस " " येस " "येस " जिन क्षणों मे हम मौन होते हैँ हमारेभीतर भी "येस"का आविर्भाव होता है. l ©Parasram Arora "येस " येस " येस "