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Male version) तोड़ सकता नहीं ये क़फ़स क्या करूं ज

Male version)

तोड़ सकता नहीं ये क़फ़स क्या करूं
ज़िंदगी पर नहीं मेरा बस क्या करूं
जिस्म मज़रूब है रूह कमज़ोर है
पंख टूटे हैं परवाज़ कैसे भरूं 

बन के बैरी खड़ा है ये सारा जहां
odysseus9022

Odysseus

Bronze Star
New Creator

Male version) तोड़ सकता नहीं ये क़फ़स क्या करूं ज़िंदगी पर नहीं मेरा बस क्या करूं जिस्म मज़रूब है रूह कमज़ोर है पंख टूटे हैं परवाज़ कैसे भरूं बन के बैरी खड़ा है ये सारा जहां #Poetry #Song #Love #Hindi #urdu #Sing_From_The_Heart

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