ज़िन्दगी बदहाल, रह गया मलाल, अधूरे सब स्वप्न, ख़्वाब और ख़्याल, मिल नहीं पाये, गाल और गुलाल, बीज का रहबर, खेत और कुदाल, शुष्क धरती पर, फसल थी बेहाल, घर में किलकारी, मच गया धमाल, प्रेम की बारिश, गुंजन हुआ निहाल, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #रह गया मलाल#