" कभी भूलोगे कभी तो याद भी करोगे , हसरतों का ये सिला हैं , कभी ये नब्ज भी पहचानोगे , थमती हुई धड़कनों ❤️ को भी पहचानोगे , जब मेरी सदा तुझ तक ना पहुंचे , जिन्दा हूं तो ये एहसास अब भी पाल रहा हूं , बेज़ारीयो में तुझसे इतनी बेरुखी नहीं . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com " कभी भूलोगे कभी तो याद भी करोगे , हसरतों का ये सिला हैं , कभी ये नब्ज भी पहचानोगे , थमती हुई धड़कनों ❤️ को भी पहचानोगे , जब मेरी सदा तुझ तक ना पहुंचे , जिन्दा हूं तो ये एहसास अब भी पाल रहा हूं ,