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महक उठी है डाली डाली, आई देखो छाई हरियाली है। पंछी

महक उठी है डाली डाली, आई देखो छाई हरियाली है।
पंछी भी चहक उठे है, चहुँ और फैली ऐसी खुशहाली है।।

धूम मची पूजन की, आपके नाम का गूँज रहा जयकारा।
आप विराजो मन मस्तिष्क में, हे माई हमने तुझे पुकारा।।

चलती रहे निरन्तर कलम हमारी, विद्या का दो ऐसा वरदान।
शिक्षित हो सीखे संस्कार, हम तेरे बालक अज्ञान है नादान।।

दया भाव तुम रखना माते, करना अपराध क्षमा तुम मेरा।
सद्बुद्धि देना तुम मुझको, प्रेम से भरा हो नेह हृदय मेरा।।

वसंत पंचमी की शुभकामनाएं

किताबों से हो अगाध प्रेम मुझे, कलम हो सफ़र का साक्षी।
है बस मेरी इतनी छोटी सी अर्ज, पूर्ण करो माता मीनाक्षी।।

बुद्धि के दाती हो तुम, स्वरों में मेरे अलंकृत  झंकार कर।
नेह झुकाई तेरे चरणों में शीश, नेह वन्दन स्वीकार कर।।— % & #नेह_की_गाथा
#NUBGupta
#yqdidi
#yqbaba
#नेह_वसंतपंचमी
ओमप्रकाश लटियाल 'अमरत' 
पल्लव सागर 
Shashank Shekhar
महक उठी है डाली डाली, आई देखो छाई हरियाली है।
पंछी भी चहक उठे है, चहुँ और फैली ऐसी खुशहाली है।।

धूम मची पूजन की, आपके नाम का गूँज रहा जयकारा।
आप विराजो मन मस्तिष्क में, हे माई हमने तुझे पुकारा।।

चलती रहे निरन्तर कलम हमारी, विद्या का दो ऐसा वरदान।
शिक्षित हो सीखे संस्कार, हम तेरे बालक अज्ञान है नादान।।

दया भाव तुम रखना माते, करना अपराध क्षमा तुम मेरा।
सद्बुद्धि देना तुम मुझको, प्रेम से भरा हो नेह हृदय मेरा।।

वसंत पंचमी की शुभकामनाएं

किताबों से हो अगाध प्रेम मुझे, कलम हो सफ़र का साक्षी।
है बस मेरी इतनी छोटी सी अर्ज, पूर्ण करो माता मीनाक्षी।।

बुद्धि के दाती हो तुम, स्वरों में मेरे अलंकृत  झंकार कर।
नेह झुकाई तेरे चरणों में शीश, नेह वन्दन स्वीकार कर।।— % & #नेह_की_गाथा
#NUBGupta
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ओमप्रकाश लटियाल 'अमरत' 
पल्लव सागर 
Shashank Shekhar

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