करार उसको भी था हमसे,यह बात हमारे करीबी दोस्त ने आकर कही थी, एकरार करने की पहल हमारे में से किसी ने नही की, गुलाब भेजे तो थे उसने किसी ओर के संग, शायद, सामने आकर hi कहने की हिम्मत नहीं थी हम आज भी येह मगर ओर शायद से लफ्जों में उलजे हुए है, जो सुलजाए जा सकतेथे ओर मेने कभी कोशिश ही नहीं की।। ©Sanskruti Patel वो गुलाब का फूल 🌹