उसकी रूह अब कब्र से मिलने आती हैं, कभी अच्छे तो कभी बुरे हाल सुनाती हैं, जब उसकी यादों में अकेला रो रहा होता हूँ बेशक गले लगाकर हर रोज मुझे मनाती हैं तेरी रूह से मोह्बत ...