लिखो सौ दर्द लेकिन हर ख़ुशी से राब्ता रखना भले छोटा ही सही दिल में लेकिन हौसला रखना कलम टूटेगी जुड़ जाएगी फिर से लिखते रहना तुम बड़े लोगों की सोहबत से मग़र इक फासला रखना नहीं मुमक़िन कि हर एहसास को ही छू के गुज़रो तुम कभी औरों की गमज़दगी से भी एक वास्ता रखना बड़ा मुश्क़िल है एहसासों को काग़ज़ पे बिछा पाना न बन पाए जो कोई शेर तो एक फ़लसफ़ा रखना तुम्हारे हर्फ़ और ये फ़न तुम्हें मक़बूल करते हैं मुक़म्मल रेख़्ता में भी तुम इनका क़ाफ़िला रखना लिखो सौ दर्द लेकिन....