हरे हैं जख्म और वो खुश हैं ये देख-देख करके,
हमारी बद्दुआएं काम आयी हैं आखिर एक-एक करके ।
उसने नहीं छोड़ी थी कसर मुझे बर्बाद करने में,
मगर हम ही निकाल लाये खुद को, किसी तरह बचा करके।
आखिर इंतकाम कितना अंधा बना देता है आदमी को,
वही दुश्मन बन7 जाता है ,जिसे देखा था कभी प्यार करके। #शायरी#बेबफा