फागुन की है बात निराली माह बड़ा शायराना। मन के भाव नहीं हों मैले पर्व बड़ा सूफियाना। रंग लगालो जिसको चाहो मौका और दस्तूर है, होली तो रुख़सारों को छूने का हसीं बहाना। ….. सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri फागुन #Holi