" क्या कभी हम इतने करीब आ पायेंगे कि , बेशवर ही एक - दूजे के चाहत में मुस्करा पायेंगे , जिस्म हो खयाल हों क्या ऐसी हसरत पूरी करेंगे , अब रुख कोई हो हर तरफ नजर में तुम ही होंगे ऐसे में." --- रबिन्द्र राम " क्या कभी हम इतने करीब आ पायेंगे कि , बेशवर ही एक - दूजे के चाहत में मुस्करा पायेंगे , जिस्म हो खयाल हों क्या ऐसी हसरत पूरी करेंगे , अब रुख कोई हो हर तरफ नजर में तुम ही होंगे ऐसे में." --- रबिन्द्र राम #मुस्करा